Hindi Summary 




नमस्कार दोस्तों, 24 दिसंबर सन 1971 साउथ अमेरिका में लासा एयरलाइंस की फ्लाइट 508 पेरू देश की राजधानी लीमा से उड़ान भरती है। इस हवाई जहाज में बैठे हैं कुल 86 पैसेंजर्स और यह जा रहा है Amazon रेनफॉरेस्ट के ऊपर से पेरू के पुकल्पा शहर की ओर। सफर का पहला आधा घंटा बिल्कुल नॉर्मल था। क्रू पैसेंजर्स को ब्रेकफास्ट सर्व करता है। पायलट्स आपस में बातचीत कर रहे थे अपने परिवार को लेकर और सभी पैसेंजर्स बड़े खुश थे क्योंकि अगला दिन क्रिसमस था। सब अपने परिवार से मिलने जा रहे थे। लेकिन जैसे ही यह हवाई जहाज नीचे उतरने की


तैयारी शुरू करने लगता है। काले बादल छा जाते हैं। अचानक से एक भयानक तूफान सामने दिखाई देता है। पायलट्स फैसला करते हैं कि इस तूफान से बचने की कोशिश नहीं करेंगे। सीधा प्लेन इसके अंदर घुसा देते हैं। कुछ ही मिनटों के अंदर चारों तरफ अंधेरा छा जाता है। बिजली कड़कने लगती है। यह प्लेन टर्बुलेंस की वजह से बहुत हिलने लगता है। बहुत ज्यादा हिलने लगता है। टर्बुलेंस इतनी ज्यादा हो जाती है कि पैसेंजर्स का सामान जो ओवरहेड कंपार्टमेंट में रखा था वो बाहर निकल कर उनके ऊपर गिरने लगता है। सभी पैसेंजर्स में अब दहशत फैल जाती है। लगभग 20 मिनट तक इमेजिन करो


दोस्तों। अगले 20 मिनट तक ऐसा ही चलते रहता है और फिर अचानक से 21,000 फीट की ऊंचाई पर इस प्लेन पर बिजली गिर जाती है। यह बिजली प्लेन के राइट विंग पर जाकर लगती है जिसकी वजह से इस विंग पर आग लग जाती है। कुछ ही सेकंड बाद यह राइट विंग टूट कर प्लेन से अलग हो जाता है और साथ में लेफ्ट विंग का भी कुछ हिस्सा अलग गिरने लगता है। पुकल्पा में लैंड करने से सिर्फ 15 मिनट पहले लगभग 10,000 फीट की ऊंचाई पर यह प्लेन टुकड़ों में बिखरने लगता है। जो एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स ग्राउंड पर मौजूद इस प्लेन को फॉलो कर रहे थे, उन्हें अचानक से


अपने रेडार पर दिखाई देता है कि इस प्लेन की डॉट गायब हो गई। ऐसा होता देख कुछ लोगों ने उम्मीद करी कि शायद इस प्लेन ने इमरजेंसी लैंडिंग कर ली होगी। लेकिन जल्द ही यह बात क्लियर हो जाती है कि यह प्लेन पूरी तरीके से क्रैश कर चुका था। इसके बाद पेरू देश के इतिहास में सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन ल्च किया जाता है। कुछ दिनों बाद जब रेस्क्यू वर्कर्स इस क्रैश साइट पर पहुंचते हैं Amazon जंगल के बीचों-बीच तो उन्हें चारों तरफ प्लेन की रैकेज बिखरी पड़ी हुई दिखाई देती है। पैसेंजर्स का सामान पेड़ों से लटका हुआ था। सूटकेसेस हवा में ही खुल गए थे और


पैसेंजर्स के क्रिसमस गिफ्ट्स पेड़ों से ऐसे लटक रहे थे कि जैसे किसी ने क्रिसमस ट्रीज को डेकोरेट किया हो। चारों तरफ लोगों की खोज की जाती है। रेस्क्यू ऑपरेशन कई दिनों तक चलता है और जब कोई भी सर्वाइवर नहीं मिलता तो यह मान लिया जाता है कि इस प्लेन में बैठे सारे पैसेंजर्स मारे जा चुके हैं। 10,000 फीट की हाइट से नीचे गिरकर आखिर कौन ही जिंदा बच पाएगा। [संगीत] लेकिन यह बात सच नहीं थी। पूरी दुनिया इससे अभी भी अनजान थी। लेकिन एक पैसेंजर अभी भी जिंदा बची थी। किसी भी इंसानी बस्ती से मीलों दूर Amazon के घने जंगल के


बीचोंबीच एक 17 साल की लड़की अभी भी जिंदा थी। जुलियाने कोपेक यह एक बहुत कमाल का चमत्कार था लेकिन अब दिक्कत यह थी कि यह अकेली जख्मी हालत में Amazon जंगल की जमीन पर गिरी पड़ी थी। कोई इसे ढूंढने आने वाला नहीं था क्योंकि रेस्क्यू टीम अपने सर्च ऑपरेशन को बंद कर चुकी थी। इसके परिवार वाले और बाकी सभी लोग इसे बाकी पैसेंजर्स की तरह मुर्दा मान चुके थे। [संगीत] जुलियाने असल में अपनी मां मारिया के साथ इस फ्लाइट में बैठी थी। यह दोनों अमेज़ॉन जंगल के बायोलॉजिकल रिसर्च स्टेशन पेंगुआना पहुंचना चाहते थे। इसे जुलियाने


के ही दोनों पेरेंट्स ने एस्टैब्लिश किया था क्योंकि इसके दोनों पेरेंट्स जूललॉजिस्ट थे। प्लान यह था कि यहां पर पूरा परिवार साथ में मिलकर क्रिसमस मनाएगा। वैसे तो ओरिजिनल प्लान इन्होंने कुछ दिन पहले ही घर जाने का बनाया था। लेकिन जूलियाने को अपने स्कूल की प्रॉम और ग्रेजुएशन पार्टी की वजह से लास्ट मोमेंट फ्लाइट लेनी पड़ी। क्रिसमस की छुट्टियों के कारण बाकी सारी रिलायबल एयरलाइंस की सारी टिकट सोल्ड आउट हो चुकी थी। इनके पास अब सिर्फ एक ही ऑप्शन बचा था लंसा एयरलाइंस। जूलियाने के पिता ने पहले कई बार कहा था कि इस एयरलाइंस से ट्रैवल मत


करना। यह बहुत ही घटिया एयरलाइंस हैं। लेकिन अब इन्हें घर जल्दी पहुंचना था और इनके पास और कोई ऑप्शन था ही नहीं। तो इनकी मां ने इस एयरलाइंस की ही टिकट्स बुक कर ली। असल में बात क्या है दोस्तों? क्योंकि उस जमाने में इस एयरलाइंस की रेपुटेशन बहुत ज्यादा खराब थी। लोग मजाक में कहते थे स्पेनिश में लांसा से लांजा दे पांजा। इसका मतलब होता है लासा पेट के बल गिरता है। और हालत इतनी खराब थी कि इससे पिछले कुछ सालों में कई सारे इसके प्लेन क्रैश हो चुके थे। और यह वाला प्लेन लासा का आखिरी प्लेन था। एक टर्बो प्रोपेलर प्लेन लॉक हीड कंपनी का मॉडल


L188 इलेक्ट्रा। इस प्लेन को रेगिस्तान के ऊपर से उड़ाने के लिए डिजाइन किया गया था। क्योंकि इसके विंग्स बाकी प्लेेंस की तरह फ्लेक्सिबल नहीं थे और प्लेन की बॉडी से बहुत ज्यादा टाइटली अटैच थे। इसी कारण से यह प्लेन टर्बुलेंस नहीं झेल पाता था और कई साल पहले ही अमेरिका में इसे सर्विस से हटा दिया गया था। फ्लाइट में बैठे लोगों को यह बात बिल्कुल नहीं पता थी कि इस प्लेन को पहाड़ों के ऊपर से नहीं उड़ाना है। और इस फ्लाइट में यह प्लेन एंडीज माउंटेन रेंज के ऊपर से उड़ाया जा रहा था। अब जब बिजली इस प्लेन पर गिरी जब वो हादसा


हुआ। जुलियाने इस प्लेन की सेकंड लास्ट रो की सीट नंबर 19F पर बैठी हुई थी जो कि एक विंडो सीट थी। तब जुलियाने जिस सीट पर बैठी थी वो तीन सीट्स की रोस टूट कर प्लेन से अलग हो गई थी। क्योंकि इस लड़की ने अपनी सीट बेल्ट बांधी हुई थी तो ये अपनी सीट से बंधी रही और 10,000 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरने लगी अपनी सीट के साथ। जो यहां पर आगे हुआ वो सही मायनों में इंसानों के इतिहास में एक अनबिलीवेबल मिरेकल था। जूलियाने अपनी सीट के साथ हवा में नीचे गिरने लगी। प्लेन के शोर और चीख पुकार के मुकाबले अब सिर्फ हवा की तेज आवाज सुनाई


दे रही थी। हवा के प्रेशर से यह सीट बेल्ट उसके पेट में इतनी जोर से धंस रही थी कि सांस लेना मुश्किल हो रहा था। नीचे अमेज़ॉन का घना जंगल था। पेड़ इतने घने थे कि जमीन नजर नहीं आ रही थी और ऐसा लग रहा था जैसे ब्रोकली का खेत हो। गिरते-गिरते ही जुलियाने हवा में ही बेहोश हो जाती है। और जब उसे होश आता है तो उसे दिखता है कि वो नीचे जंगल की जमीन पर पड़ी हुई थी। तारीख थी 25 दिसंबर क्रिसमस की सुबह। पूरी रात बारिश हुई थी जिसके कारण उसके कपड़े कीचड़ में सन गए थे और जूलियाने पूरी रात बेहोश रही थी। होश में आने के बाद यह कई


बार कोशिश करती है खड़े होने की लेकिन जैसे ही कोशिश करती है तुरंत उसके एकदम बाद फिर से बेहोश हो जाती है। कई बार यह अटेम्प्ट्स करने के बाद वो किसी तरीके से होश बनाए रखती है और आखिरकार खड़ी हो जाती है। खड़े होने के बाद उसको एहसास होता है कि उसकी एक कॉलर बोन टूट गई है। घुटने में भारी मोच आई है और राइट शोल्डर और लेफ्ट काफ में कुछ जख्म आए हैं। इसके अलावा एक आंख सूझकर पूरी तरीके से बंद हो चुकी है और दूसरी से भी हल्का सा एक लाइन जितना ही नजर आ रहा है। पहले से ही जुलियाने की नजर कमजोर थी और अब इसका चश्मा भी खो गया था।


एक सैंडल भी गायब था और उसे कंकशन भी था। लेकिन एक सवाल जो आपके मन में यहां उठ रहा होगा। आखिर इतनी ऊंचाई से गिरने के बाद यह जिंदा कैसे बची रही? तीन मिरेकुलस चीजें हैं दोस्तों जिसकी वजह से इसकी जान बची। पहला तूफान के नीचे से ऊपर की तरफ चलने वाली तेज हवाएं जिन्हें अपड्राफ्ट्स कहा जाता है। जमीन से आसमान की तरफ हवा बह रही थी तूफान की वजह से। इसकी वजह से कोई भी चीज जो गिरती है वो ऊपर की तरफ पुश हो जाती। इन हवाओं ने जूलियाने की गिरने की रफ्तार को धीमा कर दिया। दूसरा गिरते वक्त इसकी सीट्स की रोज बहुत तेजी से घूम रही थी।


इतनी तेजी से गोल-गोल गोल-गोल घूमने लगी कि ये हेलीकॉप्टर के पंखों की तरह काम करने लगी। इस वजह से गिरने की स्पीड और कम हो गई। और तीसरा अमेज़ॉन जंगल के घने पेड़ों के घने पत्तों ने और वहां मौजूद जंगल की बेलों ने एक जाल सा बना लिया था। जो एक गद्दे की तरह एक्ट किया। इसकी वजह से जब वो गिरी तो जमीन पर सीधे टक्कर लगने से बच गई। [संगीत] [प्रशंसा] इसके अलावा लक ने भी एक बहुत इंपॉर्टेंट रोल प्ले किया क्योंकि एग्जैक्टली वो किस दिशा में गिर रही हैं। किस पेड़ के ऊपर गिर रही हैं और उनकी बॉडी किस तरफ पॉइंट कर रही थी गिरते वक्त ये सारी चीजें भी


मैटर करती हैं। इन सभी कारणों के बाद फिर भी जिंदा बच जाना कितना रेयर है। आप इस बात का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि प्लेन में बैठा कोई भी और पैसेंजर जिंदा नहीं बचा। लेकिन जुलियाने के लिए असली खतरा तो अभी बस शुरू हुआ था। Amazon के घने जंगल के बीचों-बीच ये एकदम अकेली थी। इसने अपने हाथ पैरों से इधर-उधर घूमकर अपनी मां को आवाज देने की कोशिश की। लेकिन कोई जवाब नहीं आया। जंगल में आवाज थी तो सिर्फ मेंढकों की, कीड़े-मकोड़ों की और चिड़ियों की। लेकिन अच्छी खबर यह थी कि जुलियाने के लिए यह अमon का जंगल नया नहीं था। क्योंकि यह कोई


आम शहरी लड़की नहीं थी। इसने अपनी जिंदगी के 3 साल अपने जूलॉजिस्ट पेरेंट्स के साथ पेंगुआना रिसर्च स्टेशन में बिताए थे। इसे पता था कि जंगल में जहरीले जानवर कौन से हैं, कौन से पौधे खतरनाक हैं और मुश्किल में क्या करना चाहिए। यह जानती थी कि ऐसी सिचुएशन में इतनी जख्मी हालत में भी डरना नहीं है बल्कि सोचना है। कुछ घंटों के रेस्ट के बाद जुलियाने की हालत ऐसी हो जाती है कि वो ठीक-ठाक तरीके से चल पाती है। पहला काम वो करती है अपनी मां और बाकी पैसेंजर्स को सर्च करने का। चिल्लाकर आवाज देती है। वेयर आर यू मैम? लेकिन कोई जवाब नहीं मिलता। समय-समय पर


उसे आसमान में उड़ते हुए रेस्क्यू हेलीकॉप्टर्स की भी आवाज सुनाई देती है। लेकिन जंगल इतना घना था कि रेस्क्यू हेलीकॉप्टर्स के लिए उसे ढूंढ पाना इंपॉसिबल था। उसे एहसास होता है कि वो यहां पर अकेली है। अब जो कुछ करना है अकेले ही करना पड़ेगा। जिंदा रहने के लिए दो सबसे इमीडिएट नीड्स हैं। पानी और खाना। यहां पर वो अपने प्रेजेंस ऑफ माइंड का इस्तेमाल करती है। जो पत्तों पर जमी वाटर ड्रॉप्स थी उन्हें वह चाट कर अपनी प्यास बुझाती है। इसके बाद वो अपने आसपास खाना ढूंढना शुरू करती है। यहां पर बहुत से लोगों को एक मिसकंसेप्शन है कि ऐसे घने


रेन फॉरेस्ट में तो बहुत सारी खाने लायक चीजें उगती होंगी। लेकिन यह बात एक्चुअली में सच नहीं है दोस्तों क्योंकि अमेज़ॉन का जंगल इतना घना है कि यहां सनलाइट नीचे तक पहुंच नहीं पाती। तो यहां की जमीन पर ज्यादा चीजें उगती नहीं है। सिर्फ 20 मीटर की ऊंचाई पर पाम फ्रूट्स उगते हैं। लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए ऊपर पेड़ों पर चढ़ना पड़ेगा जो बहुत रिस्की हो सकता है। सबसे पहले जुलियाने को मशरूम्स दिखाई देते हैं। लेकिन उसे शक हुआ कि यह जहरीले हो सकते हैं। तो उसने उन्हें छुआ तक नहीं। उसके बाद उसे इटालियन फ्रूट केक्स का एक


बक्सा मिलता है जो प्लेन से ही गिरा था। लेकिन रात भर बारिश की वजह से अब खाने लायक बचा नहीं था। फिर थोड़ी दूर चलने के बाद प्लेन से ही गिरा हुआ एक कैंडीज का पैकेट मिलता है। इसमें सिर्फ 30 कैंडीज थी। वह सोचती है कि पता नहीं कितने दिन तक मुझे सिर्फ इन कैंडीज पर ही गुजारा चलाना पड़े। तो हर दिन वो सिर्फ कुछ गिनीचुनी कैंडीज ही खाने का डिसाइड करती है। इसके हाथ में एक घड़ी भी थी जो उसकी दादी ने गिफ्ट दी थी। अब अगला फैसला बहुत मुश्किल था। जूलियाने को पता था कि अगर उसे सर्वाइव करना है उसे चलते रहना होगा जब तक


उसे कोई इंसानी बस्ती नहीं दिखाई दे जाती। लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था कि किस दिशा में चला जाए। वो कुछ घंटे तक क्रैश साइट के आसपास ही भटकती रहती है। फिर उसे अचानक से एक आवाज सुनाई देती है पानी टपकने की। जब जुलियाने ने इस आवाज का सोर्स ढूंढा तो उसे झाड़ियों के बीच मिट्टी से पानी की एक बहुत छोटी सी स्क्रीन निकलती हुई दिखाई दी। यह उम्मीद की पहली किरण थी। जुलियाने के पिता ने उसे सिखाया था कि अगर कभी जंगल में खो जाओ तो बहते हुए पानी को ढूंढो और उसे फॉलो करो। एक छोटी सी पानी की धारा तुम्हें एक स्ट्रीम तक ले जाएगी। वो


स्ट्रीम आगे जाकर एक छोटी नदी बनेगी। वह छोटी नदी आगे जाकर एक बड़ी नदी बनेगी और धीरे-धीरे अगर आगे चलते रहे तो कभी ना कभी नदी के किनारे एक इंसानी बस्ती जरूर मिलेगी। जुलियाने के पास यही एक स्ट्रेटजी थी तो वो पानी को देखकर आगे चलती रहती है। अमेज़ॉन के खौफनाक जंगलों में जहां 8 फीट लंबे एलगेटर जैसे जानवर पाए जाते हैं। जहरीले सांप, मकड़ियां और तमाम तरह की डेंजरस स्पीशीज रहती है। वहां यह 17 साल की एक लड़की अकेले निकल पड़ी थी। इसे यह भी नहीं पता था कि जाना कहां है। कोई मिलेगा या नहीं मिलेगा। केवल इतना पता था


पानी को फॉलो करते रहना है। अब सुनने में ये बात काफी आसान लगती है कि पानी को फॉलो करते रहो। लेकिन पानी हमेशा अच्छी सी जगहों से नहीं बहता है। बहुत बारी गिरे हुए पेड़ सामने आते हैं। घनी झाड़ियां और फिसलन भरे पत्थर रास्ते में। ये जंगल इतना डेंस था कि झाड़ियों को काट कर ही आगे बढ़ा जा सकता था। इन सभी कारणों की वजह से वह ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाई थी कि तभी अंधेरा होने लगा। उसने अपनी घड़ी की ओर देखा। शाम के 6:00 बजे थे और अब उसके सामने अभी तक का सबसे बड़ा चैलेंज था इस घने जंगल में रात में सर्वाइव करना। [संगीत]


रात में कोई भी जंगली जानवर बड़ी ही आसानी से हमला कर सकता है। जुलियाने को पता था कि ऐसी सिचुएशन में किसी ना किसी सेफ जगह पर सोना चाहिए। जहां पीठ की तरफ कोई पेड़ या बड़ी चट्टान हो ताकि कोई भी जानवर पीछे से हमला ना कर सके। इसके पिता ने इसे यह भी सिखाया था कि पत्थरों और लकड़ियों को रगड़कर आग कैसे जलाई जाती है। लेकिन अफसोस इस रात बारिश बहुत तेज हो रही थी। सब कुछ गीला था और आग जलाना इंपॉसिबल था। थकावट और चोट के कारण उसे बहुत गहरी नींद आ जाती है। लेकिन थैंकफुली वो एक ऐसी जगह पर सोई थी जो रिलेटिवली सेफ थी।


अगले दिन जब इसकी नींद खुली तो इसमें बिल्कुल भी एनर्जी नहीं थी। लेकिन इसे पता था कि अगर जिंदा रहना है तो चलते रहना होगा। चश्मा टूटने की वजह से दूर का भी नहीं दिख रहा था। इसलिए कोई शॉर्टकट भी नहीं लिया जा सकता था लेकिन चलते रहना होगा। रास्ते में चलते-चलते इसे एक बड़ी ही भयानक मकड़ी दिखाई दी। द गोलियाथ बर्ड ईटर। दुनिया की सबसे बड़ी मकड़ी। यह इतनी बड़ी है कि यह छोटी-छोटी चिड़ियों को भी खा सकती है। लेकिन जुलियाने को पता था कि ऐसे जानवरों से दूरी बनाए रखना ही बेहतर है। लेकिन क्या आपको पता है जब ऑनलाइन दुनिया में ऐसी


डेंजर्स आपके सामने आती है तब आपको क्या करना है? चाहे फिशिंग ईमेल्स हो, मैन इन द मिडिल अटैक हो या फिर मालवेयर ही क्यों ना हो। न वीpए का थ्रेट प्रोटेक्शन सिस्टम आपको इन सब से बचा कर रखता है। न वीpए वैसे तो एक वीpए की ऐप है जिसके जरिए आप अपनी प्राइवेसी को प्रोटेक्ट कर सकते हो और अपनी लोकेशनेशंस प्रूफ कर सकते हो। लेकिन इनके सब्सक्रिप्शन में एक सेपरेट थ्रेड प्रोटेक्शन फीचर इंक्लूडेड है जो वीpए से अलग है। चाहे आप वीpएन से कनेक्टेड ना भी हो तब भी आप इसे ऑन रख सकते हो। यह ना सिर्फ एड्स और ट्रैकर्स को ब्लॉक करता है बल्कि गलती से अगर आप किसी


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लिंक नीचे डिस्क्रिप्शन में और पिंड कमेंट में भी मिल जाएगा। अब अपने टॉपिक पर वापस आते हैं। पूरे दिन बस वो धीरे-धीरे पानी के किनारे चलती रही और चलती रही। खाने को कुछ नया भी नहीं मिला। तीसरे दिन जुलियाने को प्लेन क्रैश की रैकेज का पहला टुकड़ा मिलता है। यह एक टरबाइन था जो एक साइड से पूरी तरीके से काला हो चुका था। अभी भी उसे दिन में एक-दो बार रेस्क्यू प्लेेंस की आवाज सुनाई दे रही थी। लेकिन वो हेल्पलेस थी। कोई भी तरीका नहीं था उनकी तरफ इशारा करने का। यह तीसरा दिन जैसे-जैसे शाम में बदलता है, उसकी घड़ी भी काम करना बंद कर देती है।


चौथा दिन उसे कुछ किंग व्चर्स दिखाई दिए। ये लाशों को खाने के लिए जाने जाते हैं। जूलिया ने समझ गई थी कि इसके आसपास कोई लाश होगी। थोड़ा सा आगे बढ़ने पर ही इसे प्लेन की सीट्स की एक रोज दिखाई दी जिसमें तीन लोग अभी भी अपनी सीट बेल्ट से बंधे हुए थे। यह लोग सिर के बल इतनी तेजी से नीचे जमीन पर गिरे थे कि इनके सिर 3 फीट जमीन के अंदर धंस गए थे। और इनके पैर ऊपर की तरफ थे। यह एक बहुत ही डरावना सीन था। कुछ पल के लिए जूलिया ने यह देखकर पैरालाइज हो गई। इन तीन में से एक महिला भी थी। जुलियाने को डर लगने लगा कि कहीं


यह उसकी मां तो नहीं थी। धीरे-धीरे उसने आगे कदम बढ़ाए और एक डंडा उठाकर लाश के पैरों को देखने की कोशिश करी। जैसे ही वो थोड़ी करीब आई तो उसे दिखाई दिया कि नाखूनों पर नेल पॉलिश लगी थी। यह देखकर उसे थोड़ा सा रिलीफ महसूस हुआ क्योंकि उसकी मां नेल पॉलिश नहीं लगाती थी। जुलियाने ने आसपास देखा कि कहीं और कोई बॉडी या कोई इंजर्ड पैसेंजर तो नहीं लेकिन मेटल के टुकड़ों के अलावा वहां कुछ भी और नहीं था। उसने फिर से आगे बढ़ना शुरू कर दिया। पानी के किनारे-किनारे आगे बढ़ती रही। [संगीत] ऐसे ही करके दोस्तों दिन बीतते रहे। उसे


कुछ भी और खाने को नहीं मिला। उसका सेंस ऑफ टाइम भी खत्म होने लगा था। पता नहीं क्या टाइम हो रहा होगा। पता नहीं कौन सा दिन है। सारे दिन एक जैसे लगते और सारी रातें एक जैसी। वह मानसिक रूप से इतनी कमजोर हो चुकी थी कि अब उसे यह भी याद नहीं था कि जंगल में घूमते हुए कौन सा दिन हो गया था। जुलियाने अपने मन में सिर्फ एक ही चीज दोहराए जा रही थी कि पानी को फॉलो करते रहना है। पानी को फॉलो करते रहना है। धीरे-धीरे छोटी सी जो स्ट्रीम चल रही थी पानी की ये एक बड़ी स्ट्रीम में बदल गई और यह बड़ी स्ट्रीम एक छोटी नदी में बदल गई।


लेकिन इतने दिनों बाद अब उसकी भूख बिल्कुल अनबेयरेबल बन चुकी थी। उसके पास जितनी भी कैंडीज थी वो सारी खत्म हो गई थी। उसने पाम ट्रीज के स्टेम्स के अंदर का हिस्सा खाने की सोची लेकिन उसके पास कोई चाकू या कोई भी नुकीला हथियार नहीं था जिससे वो यह कर सकती थी। ना ही इसके पास मछलियों को पकड़ने के लिए कुछ था और ना ही रूट्स को बॉईल करके खाने का कोई सिस्टम। खाने की जगह उसने बस नदी का पानी पीकर काम चलाने की सोची। इस पानी में मौजूद मिनरल्स की वजह से कुछ देर तक तो पेट भरा हुआ महसूस होता लेकिन उसके बाद फिर से भूख लगनी शुरू हो जाती। धीरे-धीरे


वह बहुत कमजोर और निराश होती जा रही थी। उसे पता नहीं था कि इस तरीके से वो जंगल में और कितने दिन तक सर्वाइव कर पाएगी। [संगीत] छठे दिन जूलियाने को एक चिड़िया की आवाज सुनाई देती है। और यह सुनते ही उसे अचानक से जोश आ जाता है। इस आवाज को सुनकर वो तेजी से चलने लगती है। असल में यह एक हॉटजिन बर्ड की आवाज थी जो उसने पहले भी सुनी हुई थी। उसे पता था कि यह चिड़िया किसी बड़ी नदी के पास खुले पानी के नजदीक ही अपने घोंसले को बनाती है। इसका मतलब था कि एक बड़ी नदी अब बहुत नजदीक थी और जैसे ही वह कुछ कदम और आगे चली उसे दिखा कि उसकी स्ट्रीम अब आगे


जाकर एक नदी में मिल रही है। लेकिन इस बड़ी नदी के किनारे पहुंच पाना बड़ा मुश्किल था क्योंकि स्ट्रीम का मुंह लकड़ी के टुकड़ों और मोटी झाड़ियों से बंद था और यहां से जुलियाने का क्रॉस कर पाना नामुमकिन था। इसलिए वह वापस उल्टा मुड़ती है और जंगल में घूमकर इस बैरियर को क्रॉस करती है। इसमें कई घंटों का समय लग गया। लेकिन आखिरकार अब वह एक बड़ी नदी तक पहुंच गई थी। यह लगभग 30 फीट चौड़ी नदी थी। जंगल में इतने दिन चलने के बाद जूलियाने को पहली बार एक साफ खुला आसमान दिखाई दिया। लेकिन यहां दूर-दूर तक कोई इंसान अभी भी


नहीं था। बहुत देर से उसे रेस्क्यू प्लेेंस की आवाज सुनाई दे रही लेकिन वो आवाज बहुत दूर से आ रही थी। लेकिन कुछ आधे 1 घंटे में एक प्लेन बड़ी ही नजदीक आ जाता है। सीधा प्लेन उसके ऊपर से गुजरने लगता है। जूलियाने बड़ी एक्साइटेड हो जाती है। बड़ी ही उम्मीद के साथ प्लेन की तरफ देखकर वेव करने लगती है। चिल्लाती है लेकिन कुछ काम नहीं आता। प्लेन में बैठा पायलट अनफॉर्चूनेटली उसे नहीं देख पाता और प्लेन आगे ही चलता जाता है। जूलियाने दोबारा से उम्मीद लगाकर यहीं बैठकर इंतजार करती है कि कोई और प्लेन घूम कर वापस आएगा फिर से वो उसकी तरफ देखकर


चिल्लाएगी लेकिन कोई और प्लेन नहीं आता और जो दूर रेस्क्यू प्लेेंस की आवाज सुनाई दे रही थी अब वह भी आनी बंद हो जाती है। कुछ घंटे बीतने के बाद उसे दोबारा यह आवाज फिर कभी सुनाई नहीं देती। जुलियाने समझ गई थी कि इसका मतलब है कि अब यह रेस्क्यू सर्च ऑपरेशन बंद किया जा चुका है। एक बार फिर से जूलियाने की हिम्मत टूटने लगती है। अभी तक उसका टारगेट रहा था कि किसी तरीके से नदी तक पहुंचना है। लेकिन नदी पर पहुंचने के बाद अब उसे एहसास होता है अपने अकेलेपन का। हजारों किलोमीटर दूर तक यह जंगल अनइनहैबिटेड है। कोई और इंसान उसे बचाने


आने वाला नहीं है। उसे लगने लगा कि उसके जिंदा रहने के चांसेस यहां पर जीरो हैं। वो गिव अप करने ही वाली थी कि तभी उसे अपने पापा के द्वारा बताई गई एक बात याद आती है। जहां नदी है वहां लोग भी होंगे। जूलियाने इस बात को याद करके खुद को मोटिवेट करती है कि कभी ना कभी तो वो लोगों के पास पहुंच ही जाएगी अगर नदी के किनारे चलती रही तो। तो इस एक आखिरी उम्मीद के साथ वह आगे चलती रहती है। [संगीत] दिन बीतते रहते हैं। लेकिन दिन के बीतने के साथ उसकी हालत भी बिगड़ती जा रही थी। उसके हाथ में जो घाव थे उन पर मक्खियों ने


अंडे दे दिए थे। [संगीत] दे मैगट्स हैच हेड ईटिंग देमसेल्व्स डीप टू माय फ्लश उन अंडों से अब कीड़े निकलने लग गए थे छोटे-छोटे मैगट्स इन कीड़ों को अपने घाव से सिर्फ अल्कोहल या केरोसिन से बाहर निकाला जा सकता था लेकिन जुलियाने के पास इन दोनों में से कोई भी चीज नहीं थी| उसके पास बस अपनी एक सिल्वर रिंग थी। इस रिंग को खोलकर इसने कीड़ों को निकालने की कोशिश करी। लेकिन ये कीड़े इसकी स्किन के बहुत अंदर तक घुस गए थे। अब इसे डर लगने लगा कि यह घाव इनफेक्ट हो गया तो इसे अपना हाथ भी काटना पड़ सकता है। इसके अलावा इसने अपनी


अप्पर बैक की स्किन को देखा जो बुरी तरीके से जल चुकी थी। यह अब धीरे-धीरे उतरने भी लगी थी और यहां से भी खून बह रहा था। इन सभी प्रॉब्लम्स को लेकर वो कुछ नहीं कर सकती थी। तो उसने वही किया जो उसके हाथ में था। नदी के साथ किनारे-किनारे आगे बढ़ते रहो। कुछ समय बाद उसने रियलाइज किया कि धीरे-धीरे नदी के किनारे-किनारे चलने की जगह क्यों ना नदी के अंदर कूद कर स्विमिंग ही कर ली जाए। तो वह नदी के अंदर कूद जाती है और नदी के बहाव के साथ पानी में बहती चली जाती है। घंटों तक नदी में बहने के बाद उसे किसी घर की छत दिखाई देती


है और कुछ देर बाद उसे मुर्गी की आवाज सुनाई देती है। लेकिन यह दोनों ही चीजें सच नहीं थी दोस्तों। असल में वह हेलसिनेट कर रही थी। जैसे-जैसे अंधेरा होने लगता है, वह नदी से बाहर निकल जाती है शेल्टर लेने के लिए और फिर जैसे ही अगले दिन सुबह होती है, वह वापस नदी के अंदर कूद जाती है। अगले कुछ दिनों तक वो यही करते रहती है और यह करना किसी भी हालत में खतरे से खाली नहीं था। एक दिन जब वो नदी के किनारे लेटी हुई थी, तभी एक बड़ी फीमेल एलिगेटर अटैकिंग पोजीशन में उसकी तरफ बढ़ने लगी। यहां एक बार फिर जंगल को लेकर झुलियाने की


नॉलेज काम आई। उसे पता था कि इस टाइप के एलगेटर्स पानी में अटैक नहीं करते। वो सीधा पानी में चली गई और फ्लो के साथ दोबारा बहने लगी। कई दिन तक यह चीज बार-बार करने के बाद वो ठंडे पानी की वजह से और कमजोर हो चुकी थी। खाना अभी भी एक बड़ी प्रॉब्लम थी। उसने मेंढकों को पकड़ कर खाने की कोशिश की लेकिन अब तक वो इतनी कमजोर हो चुकी थी कि उसे मेंढक भी नहीं पकड़ा गया। नदी के किनारे चलते-चलते उसे बाद में हिरण जैसे कई तरह के जानवर भी मिले और यह बिल्कुल भी एक अच्छा साइन नहीं था। जुलियाने जानती थी कि इस तरीके के जानवर इंसानी बस्तियों के पास नहीं मिलते।


10वां दिन आते-आते अब वह लगभग पूरी तरीके से हिम्मत हार चुकी थी। जुलियाने के पास अब खुद को मोटिवेटेड रखने के लिए ज्यादा कुछ बचा नहीं था। अब उसे सही में लग रहा था कि शायद अब जिंदा नहीं बचेगी वो। एक और पूरा दिन यूं ही बीत जाता है नदी के अंदर तैरते हुए। सूरज नीचे चले जाता है। अंधेरा होने लगता है। वह नदी से बाहर निकलकर किनारे रेत पर आराम करने लगती है कि तभी उसे कुछ दिखाई देता है। एक बड़ी सी बोट सामने खड़ी है। कहीं यह फिर से कोई हेलुसिनेशन तो नहीं था। उसे अपने ऊपर यकीन नहीं होता। अपनी आंखों को रब करके वो


दोबारा देखती है। बोट अभी भी दिख रही थी। तीन बार अपनी आंखों को रब करके देखती है। बोट हर बार वही दिख रही थी उसे। थोड़ा सा और तैर के वह बोट के और नजदीक आती है। उसे टच करती है। तब जाकर उसे यकीन होता है कि हां यह तो सच में एक बोट है। बोट के बगल में उसे एक छोटा सा रास्ता ऊपर जाता हुआ दिखाई देता है। जुलियाने अपने शरीर की बची कुची सारी ताकत लगाकर उस रास्ते पर चढ़ना शुरू करती है। ऊपर एक झोपड़ी बनी हुई थी। जैसे ही वह उस झोपड़ी पर पहुंचती है और अंदर झांक कर देखती है, कोई दिखाई नहीं देता। एक्चुअली में वहां कोई भी इंसान


मौजूद नहीं था। लेकिन झोपड़ी के अंदर पेट्रोल जरूर रखा हुआ था। जुलियाने एक छोटी नली से पेट्रोल निकालती है और सीधा अपने हाथ के घाव पर बहा देती है ताकि अपने हाथ पर जो मैगेट्स थे उन्हें बाहर निकाला जा सके। ऐसा करने से उसे एकदम से बहुत तेज दर्द होता है क्योंकि पेट्रोल से बचने के लिए वो कीड़े जो थे वो बॉडी के और अंदर घुसने की कोशिश करते हैं। धीरे-धीरे करके वो कीड़े बाहर आने लगते हैं और वो एक-एक करके जब निकालती है, गिनने लगती है तो उसे पता चलता है कि यहां पर 30 कीड़े 30 मैगेट्स जमे हुए थे। झुलियाने फैसला लेती


है कि वह इसी झोपड़ी के अंदर बैठकर किसी इंसान के आने का इंतजार करेगी। रात हो जाती है। रात के बाद सुबह हो जाती है लेकिन वहां कोई नहीं आता। वो दोबारा से सोचती है कि क्या और आगे बढ़ने की कोशिश की जाए लेकिन उसके शरीर में अब बिल्कुल ताकत नहीं बची थी। अगले पूरे दिन अब वो बस वहीं बैठी रहती है निराश और थकी हुई। लेकिन उस शाम को जब अंधेरा होने लगा था तभी उसे कुछ आवाजें सुनाई देती है। इंसानों की आवाजें जुलियाने को लगा कि वो कहीं फिर से तो हेलसिनेट नहीं कर रही है लेकिन तभी उसने तीन लोगों को जंगल से बाहर आते देखा। इन


लोगों ने जैसे ही जुलियाने को देखा वो एकदम से डर कर पीछे हट गए। फटे हुए कपड़ों में एक वाइट लड़की जिसकी आंखें सूजी हुई थी और शरीर पर इतने सारे घाव थे। उन्हें लगा कि यह कहीं कोई शैतान तो नहीं। अमेजॉन के जंगल में दोस्तों लोगों की कई माइथोलॉजिकल कहानियां हैं जैसे हर कल्चर में होती हैं। उनका मानना है याकू मामा पर एक बहुत ही बड़ा एनाकोंडा जिसे मदर ऑफ वाटर कहा जाता है। एक जल्द देवी की तरह से इन लोगों ने उसकी कई कहानियां सुनी थी और यहां पर इस लड़की को इस हालत में देखकर उन्हें सही में लगा कि यह याकू मामा थी।


जुलियाने उन्हें देखते ही अपनी सारी हिम्मत जुटाकर बोलने की कोशिश करती है। स्पेनिश में कहती है, मैं लंसा प्लेन क्रैश की बची हुई लड़की हूं। मेरा नाम जुलियाने है। यह सुनकर उन लोगों को यकीन नहीं हुआ। उन्होंने इसे बताया कि उस प्लेन क्रैश में तो हर कोई मारा जा चुका है। उन्होंने खबरों में सुना है। अगर सही में तुम उस प्लेन क्रैश की सर्वाइवर हो तो इसका मतलब है कि तुम इकलौती सर्वाइवर हो जो जिंदा बची हो। यह बात सुनकर जूलियाने का दिल दहल जाता है। उसे एहसास होता है कि इसका मतलब उसकी मां भी जिंदा नहीं बची। इस


पूरी जर्नी के दौरान उसे उम्मीद थी कि उसकी मां भी जिंदा होगी और इस बात से उसे मोटिवेशन भी मिलती थी। लेकिन अब इस बात को फाइनली हजम करना बहुत मुश्किल था जुलियाने के लिए कि उसकी मां अब नहीं रही थी। यह एक और बहुत बड़ा मिरेकल था कि इस शाम को जुलियाने को यह तीन लोग दिखाई दिए। यह लोग एक्चुअली में कहीं और जा रहे थे और सिर्फ भारी बारिश के कारण इन्होंने इस झोपड़ी में रुकने का फैसला किया था। यह जुलियाने को पहनने के लिए एक शर्ट पैंट और खाने के लिए फरीना एक तरीके का भुना हुआ आटा देते हैं। साथ ही में यह उसके घाव को साफ करते


हैं और उनसे कीड़ों को भी निकालते हैं। इस बीच दो और लोग वहां पहुंच गए थे। यह सभी लोग अगले दिन जुलियाने को लेकर एक गांव जाते हैं। गांव के लोग भी जब पहली बार जुलियाने को देखते हैं तो वह एकदम से डर जाते हैं क्योंकि उसकी आंखों की सभी ब्लड वेसल्स बस्ट हो चुकी थी। जिससे इसकी आंखें एकदम लाल पड़ चुकी थी। गांव में इसके घावों को और साफ किया जाता है और डिसइ्फेक्ट किया जाता है। यहां से एक प्लेन के जरिए जुलियाने को यारीना कोचा ले जाया जाता है। जहां डॉक्टर्स उसे बेटर ट्रीटमेंट देते हैं। कुछ दिन बाद जुलियाने सही सलामत अपने घर जिंदा वापस लौटती है।


कुल मिलाकर वो 11 दिन तक मौत से लड़ी है। Amazon के घने जंगलों में अकेले सर्वाइव कर। इस कमाल की कहानी ने पूरी दुनिया को हैरान करके रख दिया है। इतनी इनक्रेडिबली चमत्कार कहानी कि एक 17 साल की लड़की जो 10,000 फीट की ऊंचाई से गिरी अमेज़ॉन के जंगल के बीचोंबीच और 11 दिन तक खतरनाक जंगल में जिंदा रही अकेले सर्वाइव किया। जूलियाने अमेज़ॉन के जंगल से बाहर तो आ गई लेकिन जंगल कभी उससे बाहर नहीं निकला। बाद में जाकर वह कॉलेज में पढ़ाई करती हैं बायोलॉजी पर यूनिवर्सिटी ऑफ की से और एक मशहूर जियोलॉजिस्ट बन जाती हैं। ठीक अपनी


मां की तरह अपनी पूरी जिंदगी ये अमेज़ॉन के जंगलों को और वहां के जानवरों को कंजर्व करने में लगा देती हैं। साल 2000 में अपने पिता के गुजर जाने के बाद यह पेंगुआ रिसर्च स्टेशन की डायरेक्टर बन जाती हैं और उसकी देखभाल करने लगती हैं। वही रिसर्च स्टेशन जो इसके पेरेंट्स ने शुरू किया था। आज 2025 में जूलियाने कोपेक एक मशहूर जूलॉजिस्ट हैं। 71 साल की हैं और अभी भी जिंदा है। साल 2010 में इन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि इस घटना को लेकर अगले कई सालों तक इन्हें रात में नाइट मेयर्स आते रहे। डरावने सपने। इन्हें


बार-बार वो लोग दिखाई देते जो उस दिन प्लेन में बैठे थे। [संगीत] एक ख्याल इन्हें हमेशा सताता रहा। आखिर मैं ही क्यों? आखिर मैं ही क्यों जिंदा बची है और लोग क्यों नहीं? इसका जवाब शायद उन्हीं की हिम्मत और दृढ़ निश्चय में छिपा है। बाद में जब इन्वेस्टिगेटिव टीम उस क्रैश साइट पर पहुंची तो उन्होंने पाया दोस्तों कि 14 और लोग क्रैश को सर्वाइव कर चुके थे। 14 और लोग जो प्लेन क्रैश के बाद भी जिंदा थे लेकिन रेस्क्यू का इंतजार करते-करते मारे गए। लेकिन जूलियाने ने अपनी नॉलेज, अपनी हिम्मत और अपने पेरेंट्स के द्वारा सिखाई गई चीजों को याद रखा और


उन्हें इंप्लीमेंट किया और खुद से रास्ता बनाया। उन्होंने आखिरी दम तक हार नहीं मानी थी। और शायद यही फर्क था उनमें और बाकी सब में। इस कहानी से हम सबको सीख लेनी चाहिए। चाहे जितने भी मुश्किल हालात आए हमारी जिंदगियों में इस कहानी को याद करना और सोचना जुलियाने जितनी मुश्किलें तो कभी नहीं आएंगी। अगर एक 17 साल की लड़की इतना संघर्ष कर सकती है इन सारी मुसीबतों से निपटने के लिए तो आप अपनी मुसीबतों से तो निपट ही सकते हैं। अगर यह वीडियो पसंद आया दोस्तों और मोटिवेटिंग लगा तो ऐसा ही एक और जबरदस्त मोटिवेशनल वीडियो आपको सजेस्ट करना चाहूंगा। यह वाला


एक और बहुत ही कमाल की सर्वाइवल की कहानी है। एक ऐसे इंसान की कहानी जो अपने क्रू के साथ अकेला फंसा रहा अंटार्कटिका जैसी जगह में वो भी कई सालों तक। आखिर कैसे सर्वाइव किया उसने यहां क्लिक करके देख सकते हैं। बहुत-बहुत धन्यवाद। [संगीत]